Monday, March 7, 2016

पुकार

सुनो कृतिवासा
मैं तुम्हारी ही एक अंश
तुम मुझे जोड़-जोड़ कर
दे सकते हो जीवन,
या मुझे कण-कण में बिखेर कर
कर सकते हो विलुप्त ।
ओ शम्भू
तुम मुझे दे सकते हो उर्जा
भर सकते हो मेरे अन्दर प्रकाश
इतना की अंधकार में मैं
नक्षत्र की तरह चमकूँ,
अरे ओ स्मरहर
तुम मुझे फेक सकते हो
घनघोर अंधकार में
हमेशा के लिए खोने को
ओ मृत्युञ्जय
दिखा सकते हो रास्ता
बन के प्रकाश की किरण
ताकि में भेद सकूं
अन्धकार में भी लक्ष्य को ।
शंकर
जगा दो मेरी वो ऊर्जा
जो पढ़ी है मेरे ही अंतस में
ताकि उसे लेकर मैं
अपनी ही पद प्रदर्शक बन जाऊ।
सृष्टिहरता वृषध्वज
सहारा दो
ताकि लेकर शांति का ध्वज
सब से एक रूप हो जाऊ।

3 comments:

  1. बहुत सुन्दर ..
    महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ !

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  2. अति सुंदर है अभिव्यक्ती आपकी
    उतनी सुंन्दर छवि भी आपकी

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  3. अति सुंदर है अभिव्यक्ती आपकी
    उतनी सुंन्दर छवि भी आपकी

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