Monday, April 4, 2011

भष्टाचार के विरुद्ध : दे घुमा के

एक सबसे बड़े गुनाह की कोई सजा नहीं है . भ्रस्टाचार एक एसा गुनाह है जिसमे देश की अदालतों में करीब १७ हजार से ज्यादा मामले लंबित पड़े है . एन मामलो के हल होने की रफ्तार इतनी धीमी है की साल दो साल में एक हजार भ्रष्टलोगो को भी सजा नहीं मिल पति .एन .सी .आर .बी . की तजा रिपोर्ट ये बताती है की आई पीसी की धाराओ के तहत लगभग २९११७ लोगो पर मामले चल रहे है .वर्ष २००९ में इनमे से करीब ३२२८ लोगो के मामले की सुनवाई तो हुयी लेकिन मात्र ९६३ ही दोषी करार दिए गये . एस समय अकेले सी .बी .आई . के पास ९९१० भ्रस्ताचार के मामले लंबित पड़े है .एन मामलो में सबसे ज्यादा १७५९ दिल्ली और १०६२ महारास्ट में है एन आकड़ो का ये मतलब नहीं क़ि अन्य प्रदेश पाकसाफ है बल्कि वहाँ भ्रस्टाचार इतना है क़ि भ्रस्टाचार के मुकद्दमे भी दर्ज नहीं हो पाते .                
                  भ्रस्टाचार में अंकुश लगाने के लिए ये जरुरी ही जाता है क़ि हम भ्रस्टाचार निरोधक कानून १९८८ को बदले क्योकि एस कानून के प्रावधान के तहत मात्र पाँच वर्ष क़ि सजा का प्रावधान है पर इसमे मुजरिम की सम्पति को जब्त करने का कोई प्रावधान नहीं . एक इंटरनेश्नल रिपोर्ट का कहना है कि भारत में सरकारी महकमो में कम करने के लिए कम से कम ५० फीसदी लोगो को अपना वाजिब काम  निकलने  के लिए अधिकारियो को घूस   देनी पडती है .एस कारन भ्रटाचार की सूचि में भारत ८७ वे स्थान पर है पि. आर. सी. का सर्वे यहा बताता है कि भारत नंबर ४ पर एशिया प्रशांत के सबसे भ्रष्ट १६ देशो में है .लगभग ७० लाख करोड़ रूपये जमा है भारत का स्विस बैंक के खातो में ये एस बात का गवाह है कि हमारे देश के तथाकथित बड़े लोग कितने भ्रष्ट है. आज हमें जरूरत है गाँधीवाद कि सच्ची परम्परा के अनरूप आचरण करने की. क्रिकेट की तरह एकजूटता के साथ यह वक्त हम सब के उठ खड़े होने का है .भ्रस्टाचार के खिलाफ . अन्ना हजारे की आपिल पर धयान दीजिए यहाँ वक्त आपके आत्मबलिदान का है .आप एक ,दो दिन या जैसी सुविधा हो ५ अप्रैल से उपवास राखिये ,उपवास के साथ भ्रस्टाचार से देश मुक्त हो भगवान से कहे . प्रधानमन्त्री से अनुरोध कीजिए की जन लोकपाल विधेयक को पारित कराये नहीं तो अगले चुनाव में हम मजबूरन उनकी पार्टी को वोट नहीं देगे .शांत रहा कर अपनी बात कहे . एक बार फिर भ्रस्टाचार से स्वतंत्र होने के लिए इस अगले स्वतंत्रता आन्दोलन में जेल जाने का साहस जुटाए. आप हम सब जिस जुनून की हद से क्रिकेट को प्यार करते है उसी जुनून से भ्रस्टाचार को ख़त्म करने की मुहिम में अन्ना हजारे की टीम का साथ दीजिए .भ्रस्टाचार को ख़त्म करके भ्रष्ट मुक्त समाज का विश्वकप जीतिये दीजिये दे घुमा के .
                                                                                                                                                                                       

3 comments:

  1. हमारे देश और समाज के माथे पर कलंक के टीके की तरह है . सामाजिक जागरूकता की कमी, हमारी येन केन प्रकारेण ऐश्वर्य पाने के आकांक्षा भ्रस्टाचार के दलदल से नहीं निकलने दे रहा है . अन्ना हजारे जैसे समाज सेवी की ये पहल एक चिंगारी साबित हो सकती है भ्रस्टाचार रूपी रावण के पुतले में आग लगाने की . अच्छी लगी ये सम सामयिक पोस्ट .

    ReplyDelete
  2. बिल्कुल सही कहा आपने..... यह एक ऐसा दलदल है जिसमे पूरा देश फंसा हुआ है..... सार्थक पोस्ट....

    ReplyDelete
  3. बहुत सुंदर प्रस्तुति किरण जी बधाई और शुभकामनाएं |

    ReplyDelete